पायो जी मैंने पायो, 
श्री राधे नाम धन पायो, 
गायों जी मैने गायों, 
श्री गुरु नाम जब गायों, 
और ना अब कुछ चाहूं, 
सब कुछ मैंने पायो, 
सब कुछ मैंने पायो, 
पायोजी मैंने पायो, 
श्री राधे नाम धन पायो, 
गायों जी मैंने गायों, 
श्री गुरु नाम जब गायों, 
श्री राधे नाम धन पायो।।
गुरु शरण में ज्ञान मिले, 
राधे शरण में प्यार, 
दोनों ही हे दया के सागर, 
ममता के भंडार, 
सच्चा धनवान तो है वो, 
जिसने इनको ध्यायो, 
जिसने इनको ध्यायो, 
पायोजी मैंने पायो, 
श्री राधे नाम धन पायो।।
जन्म जन्म से भटके हुए को, 
गुरु दिखाते राह, 
राधे की चौखट पर आकर, 
मत कर तू परवाह, 
सब कुछ उन्हें मिला है, 
जिसने शीश झुकायो, 
जिसने शीश झुकायो, 
पायोजी मैंने पायो, 
श्री राधे नाम धन पायो।।
गुरु मिलन से पहले, 
मैंने लाखों कष्ट उठाए, 
जीवन के अनमोल पल, 
यूं ही व्यर्थ गवाए, 
हरि मिलन होगा कैसे, 
गुरु ने मोहे बतायो, 
गुरु ने मोहे बतायो, 
पायोजी मैंने पायो, 
श्री राधे नाम धन पायो।।
पायो जी मैंने पायो, 
श्री राधे नाम धन पायो, 
गायों जी मैने गायों, 
श्री गुरु नाम जब गायों, 
और ना अब कुछ चाहूं, 
सब कुछ मैंने पायो, 
सब कुछ मैंने पायो, 
पायोजी मैंने पायो, 
श्री राधे नाम धन पायो, 
गायों जी मैंने गायों, 
श्री गुरु नाम जब गायों, 
श्री राधे नाम धन पायो।।
गायक – श्री देवकीनंदन ठाकुर जी, 
प्रेषक – शेखर चौधरी, 
मो – 9074110618
 
			







 
