सिवरू प्रथम नित तुमको गणेशा,
दूर करो मम सकल कलेशा।।
माता तुम्हारी मात गवरजा,
पिता तुम्हारा परब्रह्म महेशा,
सिवरूं प्रथम नित तुमको गणेशा।।
देवता दानव मानव तुमको सुमिरे,
ऋषि मुनि आदी भजत हमेशा,
सिवरूं प्रथम नित तुमको गणेशा।।
क्या गुण गाय सकु मै तेरो,
अल्पमति नहीं विद्या विशेषा,
सिवरूं प्रथम नित तुमको गणेशा।।
ओ अचलराम पर कृपा कीजे,
निर्विघ्न दृष्टि रखना हमेशा,
सिवरूं प्रथम नित तुमको गणेशा।।
सिवरू प्रथम नित तुमको गणेशा,
दूर करो मम सकल कलेशा।।
गायक – दिनेश जी माली नागौर।
प्रेषक – मनीष सीरवी रायपुर।