हे त्रिभुवन तारिणी जगदम्बे,
तेरा जो सहारा मिल जाए,
भटके हुए मंजिल पा जाए,
माझी को किनारा मिल जाए,
हे त्रिभुवन तारिणी जगदंबे,
तेरा जो सहारा मिल जाए।bd।
तर्ज – दिल लूटने वाले।
जिसके सर तेरा हाथ रहे,
उसे चिंता क्या भवसागर की,
संकट की धूप सताए क्या,
जिसे छांव मिले तेरे आंचल की,
इस जन्म मरण के बंधन से,
पल में छुटकारा मिल जाए,
हे त्रिभुवन तारिणी जगदंबे,
तेरा जो सहारा मिल जाए।bd।
चाहे सुख आए या दुख आए,
नैनों में तनिक भी नीर ना हो,
विश्वास हमारा अटल रहे,
मन का संबल कमजोर ना हो,
मेरी प्रीति सदा रहे चरणों में
और प्यार तुम्हारा मिल जाए,
हे त्रिभुवन तारिणी जगदंबे,
तेरा जो सहारा मिल जाए।bd।
अपने इस दास अधम को माँ,
अब पार लगाना ही होगा,
मेरे निराश मन में आशा,
की ज्योति जलाना ही होगा,
मेरी आस पुरा दो हे जननी,
संसार हमारा खिल जाए,
हे त्रिभुवन तारिणी जगदंबे,
तेरा जो सहारा मिल जाए।bd।
जीवन के इस दोराहे पे,
तेरे ही भरोसे बैठा हूं,
अब सौंप दिया खुद को तुझको,
अच्छा हूँ बुरा हूँ जैसा हो,
मेरे प्राण की सरिता अब तेरी,
गंगा धारा में मिल जाए,
Bhajan Diary Lyrics,
हे त्रिभुवन तारिणी जगदंबे,
तेरा जो सहारा मिल जाए।bd।
हे त्रिभुवन तारिणी जगदम्बे,
तेरा जो सहारा मिल जाए,
भटके हुए मंजिल पा जाए,
माझी को किनारा मिल जाए,
हे त्रिभुवन तारिणी जगदंबे,
तेरा जो सहारा मिल जाए।bd।
स्वर – अंकिता मिश्रा।
रचना – श्री संदीप कुमार झा “प्रदीप”
संगीत – पुष्कर कुमार।