सिद्धो ने खम्मा घणी,
नवनाथों ने खम्मा घणी,
म्हारा योगी जालंधर नाथ,
सिद्ध गोरख ने खम्मा घणी,
म्हारा सिरे मंदिर रा पीरजी,
दाता ने खम्मा घणी।।
ओ कणियागिरी रो कण कण गावे,
महिमा दाता री,
इन पहाड़ों में शिवजी रो वासो,
हर हर बम लहरी,
कण कण ने खम्मा घणी,
बम बम ने खमा घणी,
म्हारा योगी जालंधर नाथ,
सिद्ध गोरख ने खम्मा घणी,
म्हारा सिरे मंदिर रा पीरजी,
दाता ने खम्मा घणी।।
आ दिव्य संतो री तपो भूमि,
हे नाथ जलंधर री,
भेरुनाथ जी केशरनाथ जी,
शांतिनाथ जी री,
सब संतो ने खम्मा घणी,
गंगानाथजी ने खम्मा घणी,
म्हारा योगी जालंधर नाथ,
सिद्ध गोरख ने खम्मा घणी,
म्हारा सिरे मंदिर रा पीरजी,
दाता ने खम्मा घणी।।
हर भगवो सोलो काने कुंडल,
वाणी इमरत री,
गुरु साचा शब्द सुनावे,
काया सुधरे भक्ता री,
आदेश ने खम्मा घनी,
भगवे ने खम्मा घणी,
म्हारा योगी जालंधर नाथ,
सिद्ध गोरख ने खम्मा घणी,
म्हारा सिरे मंदिर रा पीरजी,
दाता ने खम्मा घणी।।
मारा रत्नेश्वर महादेव री महिमा,
जग में अमर घनी,
अथे अड़सठ तीरथ गंगा गोमती,
दाता रे चरणे जी,
पीरजी ने खम्मा घनी,
गुरु चरणो में खम्मा घणी,
म्हारा योगी जालंधर नाथ,
सिद्ध गोरख ने खम्मा घणी,
म्हारा सिरे मंदिर रा पीरजी,
दाता ने खम्मा घणी।।
सावन मास री इंद्र घटा,
जरणा कल कलकर्णी,
मोरा मीठा बोले अठे,
हरियाली मन हरणी,
भवानी कोलू गावे है,
विमल लिखतक री,
म्हारा योगी जालंधर नाथ,
सिद्ध गोरख ने खम्मा घणी,
म्हारा सिरे मंदिर रा पीरजी,
दाता ने खम्मा घणी।।
सिद्धो ने खम्मा घणी,
नवनाथों ने खम्मा घणी,
म्हारा योगी जालंधर नाथ,
सिद्ध गोरख ने खम्मा घणी,
म्हारा सिरे मंदिर रा पीरजी,
दाता ने खम्मा घणी।।
गायक – भवानी सिंह जी कोलू।
प्रेषक – प्रताप जांगिड़।
9950903793