हारे के सहारे श्याम,
बाबा खाटू वाले,
संकट की घड़ी में बाबा,
भक्तो को सम्भाले,
अहिलावती का,
है ये दुलारा,
कलयुग का राजा,
श्याम हमारा,
कलयुग में सच्चा तेरा नाम,
जय श्री श्याम जय श्री श्याम,
जय जय श्री खाटू श्याम।।
तर्ज – तेरे ही भरोसे है हम।
वीर बर्बरीक नाम है जिनका,
पाण्डव कुल उजियारा,
तीन बाण तरकश में जिनके,
मुख पे तेज है न्यारा,
लेने परीक्षा आया जिनकी,
स्वयं वो मुरली वाला,
शिश दान दे दिया काटकर,
खुश हुये नंद के लाला,
शिश का दानी जग में कहाया,
श्याम नाम से घर घर पूजाया,
वीर बर्बरीक बने श्याम,
जय श्री श्याम जय श्री श्याम,
जय जय श्री खाटू श्याम।।
बर्बरीक का शिश था पाया,
वो है खाटु नगरियाँ,
खाटु नाम से धाम बनाया,
आती है वहाँ दुनियाँ,
शिश मुकुट कानो में कुंडल,
तन बागा केशरिया,
लीले की सवारी करता,
श्याम धणी साँवरिया,
यही है साथी यही सहारा,
भक्तो का है ये पालनहारा,
कलयुग का देव है बाबा श्याम,
जय श्री श्याम जय श्री श्याम,
जय जय श्री खाटू श्याम।।
जिनपे कृपा हो श्याम प्रभु की,
वो है किस्मत वाले,
जो जाते हर ग्यारस खाटु,
वो है भक्त निराले,
साँचा है दरबार श्याम का,
कहते है दुनिया वाले,
हर विपदा से भक्तो को,
मेरे बाबा ही निकाले,
“दिलबर” भरत का यही है कहना,
चरणों मे इनके सदा ही रहना,
जपते रहेंगे सुबह शाम,
जय श्री श्याम जय श्री श्याम,
जय जय श्री खाटू श्याम।।
हारे के सहारे श्याम,
बाबा खाटू वाले,
संकट की घड़ी में बाबा,
भक्तो को सम्भाले,
अहिलावती का,
है ये दुलारा,
कलयुग का राजा,
श्याम हमारा,
कलयुग में सच्चा तेरा नाम,
जय श्री श्याम जय श्री श्याम,
जय जय श्री खाटू श्याम।।
गायक – भरत गोयल बालोतरा।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365