दादा खेड़े तेरे बिना,
उद्धार नही,
पीएम सै नगरी का,
तेरे तै बडी सरकार नही,
दादा खेडे तेरे बिना,
उद्धार नही।।
नगर बिचालै लाकै न,
दरबार बैठया सै,
हाथ म लेकै डोगा,
पहरेदार बैठया सै,
दुर हटै तेरे बिना,
नगरी का अन्धकार नही,
दादा खेडे तेरे बिना,
उद्धार नही।।
तेरी ईजाजत लिए बिना,
कोए काम ना होता,
तेरे बिना तुफान म नैया,
खावै स गोता,
छोडकै साथ तेरा,
सुखी कोए परिवार नही,
दादा खेडे तेरे बिना,
उद्धार नही।।
गीरते न तू ठावण आला,
भरकै नै कोली,
इतना देवै मांगणीये की,
छोटी पडै़ झोली,
मांगै जो श्रधा त क्यांहे,
त इनकार नही,
दादा खेडे तेरे बिना,
उद्धार नही।।
कुड़लण आले गजेन्द्र नै,
तेरी ओट स,
दादा लक्की शर्मा का तेरे,
हाथ म रिमोट स,
दादा हाथ न हाथ त,
छोडीए सरकार नही,
दादा खेडे तेरे बिना,
उद्धार नही।।
दादा खेड़े तेरे बिना,
उद्धार नही,
पीएम सै नगरी का,
तेरे तै बडी सरकार नही,
दादा खेडे तेरे बिना,
उद्धार नही।।
गायक – लक्की शर्मा पिचौलिया।
लेखक – गजेन्द्र स्वामी कुड़लणीया।
9996800660