गाओ हिल मिल सभी बधाई,
 बाज उठी मंगल शहनाई,
 आयी लाली आयी रे,
 बाबा के घर लाली आयी रे।।
भादों शुक्ल अष्टमी सुन्दर,
 प्रकट भयी वृषभानु के मंदिर,
 किरत मैया ने लाली जायी,
 श्याम की श्यामा जू हैं आयी,
 आयी लाली आयी रे,
 बाबा के घर लाली आयी रे।।
ब्रम्हा मंगल वेद सुनावें,
 देवी देवता स्तुति गावें,
 वीणा नारद जी ने बजाई,
 आ गयी लक्ष्मी बन कर दायी,
 आयी लाली आयी रे,
 बाबा के घर लाली आयी रे।।
बाबा को मनवा हर्षावे,
 भर भर मोतिन थाल लुटावे,
 लाली पलना बीच झुलाई,
 नाचे अंगना लोग लुगाई,
 आयी लाली आयी रे,
 बाबा के घर लाली आयी रे।।
‘चित्र विचित्र’ सुन दौड़े आवें,
 ब्रजवासिन संग मंगल गावें,
 हो गोपी ग्वाले लेत बलाई,
 कुंवर किशोरी परम सुखदायी,
 आयी लाली आयी रे,
 बाबा के घर लाली आयी रे।।
गाओ हिल मिल सभी बधाई,
 बाज उठी मंगल शहनाई,
 आयी लाली आयी रे,
 बाबा के घर लाली आयी रे।।
			







कमल किशोर नागर जी के और अच्छे भजन मिल सकते हैं