मेरे चिंतन में आके बसो लाड़ली भजन लिरिक्स

मेरे चिंतन में आके बसो लाड़ली भजन लिरिक्स

मेरे चिंतन में आके बसो लाड़ली,
फिर भले कुछ भी देना ना देना मुझे,
तुम हो करुणा की सागर बहो लाड़ली,
फिर भले कुछ भी देना ना देना मुझे।bd।



आँख खोलूं तो ऊँची अटारी दिखे,

आँख मुंदु तो श्यामा जु प्यारी दिखे,
तेरी करुणा के रस में बहुं लाड़ली,
फिर भले कुछ भी देना ना देना मुझे।bd।



मेरे भावों को कर देना सांचो प्रिये,

मेरी जिव्हा पे नाम बन नाचो प्रिये,
रस की सागर हो तुम अब रसो लाड़ली,
फिर भले कुछ भी देना ना देना मुझे।bd।



भाव में कैसे डूबूं बता दीजिये,

प्रेम होता है क्या ये सीखा दीजिये,
मैं रुदन में रहूं तुम हंसो लाड़ली,
फिर भले कुछ भी देना ना देना मुझे।bd।



नाम ऐसा जपूँ मुझमे आवेश हो,

तेरी लीला में मेरा भी परवेश हो,
‘हरिदासी’ की हालत लखो लाड़ली,
Radha Bhajan Diary Lyrics,
फिर भले कुछ भी देना ना देना मुझे।bd।



मेरे चिंतन में आके बसो लाड़ली,

फिर भले कुछ भी देना ना देना मुझे,
तुम हो करुणा की सागर बहो लाड़ली,
फिर भले कुछ भी देना ना देना मुझे।bd।

स्वर – साध्वी पूर्णिमा दीदी।


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