तू क्यूँ घबराता है,
तेरा श्याम से नाता है,
जब मालिक है सिर पे,
क्यों जी को जलाता है,
तू क्यूँ घबराता हैं,
तेरा श्याम से नाता है।।
तू देख विनय करके,
तेरी लाज बचाएगा,
तू जब भी बुलाएगा,
हर बार ये आएगा,
अपने प्रेमी को दुखी,
यह देख ना पाता है,
जब मालिक है सिर पे,
क्यों जी को जलता है,
तू क्यूँ घबराता हैं,
तेरा श्याम से नाता है।।
जब कुछ ना दिखाई दे,
तू श्याम का ध्यान लगा,
मेरा श्याम सहारा है,
मन में विश्वास जगा,
जब श्याम कृपा होती,
रस्ता मिल जाता है,
जब मालिक है सिर पे,
क्यों जी को जलता है,
तू क्यूँ घबराता हैं,
तेरा श्याम से नाता है।।
तेरी हर मुश्किल को,
चुटकी में यह हल करदे,
कोई दाव चलाए तो,
ये झट से विफल कर दे,
कोई ना जान सके,
किस रूप में आता है,
जब मालिक है सिर पे,
क्यों जी को जलता है,
तू क्यूँ घबराता हैं,
तेरा श्याम से नाता है।।
जब पड़ती ज़रूरत है,
यह आता तब तब है,
‘बिन्नु’ का ये अनुभव है,
यहाँ सब कुछ संभव है,
मेरे श्याम की लीला को,
कोई समझ ना पाता है,
जब मालिक है सिर पे,
क्यों जी को जलता है,
तू क्यूँ घबराता हैं,
तेरा श्याम से नाता है।।
तू क्यूँ घबराता है,
तेरा श्याम से नाता है,
जब मालिक है सिर पे,
क्यों जी को जलाता है,
तू क्यूँ घबराता हैं,
तेरा श्याम से नाता है।।
Singer – Sanjay Mittal Ji








Bahut Sundar Bhajan
Nice