उद्धार करो भगवान,
तुम्हरी शरण पड़े।
चौपाई – सियाराम मय सब जग जानी,
करहुं प्रणाम जोरि जुग पानी।
जपहि नाम जन आरत भारी,
मिटहि को संकट होही सुखारी।
नाम लेत भव सिंधु सुखाहीं,
करहु विचार सुजन मन माहि।
उद्धार करो भगवान,
तुम्हरी शरण पड़े,
शरण पड़े शरण पड़े,
शरण पड़े शरण पड़े,
भव पार करो भगवान,
तुम्हरी शरण पड़े।।
कैसे तेरा नाम धियाये,
कैसे तुम्हरी लगन लगाये,
हृदय जगा दो ज्ञान,
तुम्हरी शरण पड़े।।
पंथ मतो की सुन सुन बातें,
द्वार तेरे तक पहुंच ना पाते,
भटके बीच जहान,
तुम्हरी शरण पड़े।।
तू ही श्यामल कृष्ण मुरारी,
राम तू ही गणपति त्रिपुरारी,
तुम्ही बने हनुमान,
तुम्हरी शरण पड़े।।
ऐसी अंतरज्योति जगाना,
हम दीनों को शरण लगाना,
हे प्रभु दया निधान,
तुम्हरी शरण पड़े।।
उद्धार करों भगवान,
तुम्हरी शरण पड़े,
तुम्हरी शरण पड़े,
तुम्हरी शरण पड़े,
भव पार करों भगवान,
तुम्हरी शरण पड़े।।
Singer – Hari Om Ji Sharan