श्याम तेरा कीर्तन जो मन से कराता है लिरिक्स

श्याम तेरा कीर्तन जो मन से कराता है लिरिक्स

श्याम तेरा कीर्तन जो,
मन से कराता है,
श्याम तेरा किर्तन जो,
मन से कराता है,
सुनने को सांवरिया,
खुद लीले चढ़ आता है,
श्याम तेरा किर्तन जो,
मन से कराता है।।

तर्ज – बाबुल का ये घर।



ऐसे नहीं कहते है,
हारे का सहारा लोग,
हर एक मुसीबत से,
मेरा श्याम ही बचाता है,
श्याम तेरा किर्तन जो,
मन से कराता है।।



कैसे मैं गिनाऊँ तुम्हे,
एहसान कितने है,
अपने दीवानों को,
वो तो गले से लगाता है,
श्याम तेरा किर्तन जो,
मन से कराता है।।



श्याम तेरा कीर्तन जो,
मन से कराता है,
श्याम तेरा किर्तन जो,
मन से कराता है,
सुनने को सांवरिया,
खुद लीले चढ़ आता है,
श्याम तेरा किर्तन जो,
मन से कराता है।।

गायक / प्रेषक – मुकेश दीक्षित।
9997351808


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