श्याम नगीना बन जाते,
तो नथनी में जड़ाते,
नथनी में जड़ाते।।
तुम चन्दा हम होते सितारे,
तुम चन्दा हम होते सितारे,
रातो में मिल जाते,
नथनी में जड़ाते।
श्याम नगिना बन जाते,
तो नथनी में जड़ाते,
नथनी में जड़ाते।।
तुम माली हम होते कलियाँ,
तुम माली हम होते कलियाँ,
बागों में मिल जाते,
नथनी में जड़ाते।
श्याम नगिना बन जाते,
तो नथनी में जड़ाते,
नथनी में जड़ाते।।
तुम पतंग हम होते डोरी,
तुम पतंग हम होते डोरी,
संग संग उड़ जाते,
नथनी में जड़ाते।
श्याम नगिना बन जाते,
तो नथनी में जड़ाते,
नथनी में जड़ाते।।
श्याम नगीना बन जाते,
तो नथनी में जड़ाते,
नथनी में जड़ाते।।
स्वर – सविता यादव जी।
प्रेषक – दुर्गाप्रसाद पटेल।
9713315873









Very sweet