श्री हनुमान पच्चीसा लिरिक्स,
दोहा – अजब है शक्ति आपकी,
अजब आपके रंग,
चरणों में मैं आ गिरा,
ओ मेरे बजरंग।
बजरंग दर्द दिल का,
किससे कहूं मैं जाकर,
दुश्मन दरिद्र मुझ पर,
लाया है दल चढ़ा कर,
संकट से वीर बंकट,
मुझको छुड़ा तू आकर,
सदमा है सख्त दिल पर,
कहता हूं सर झुका कर।।१।।
सूरत विशाल तेरी,
मन में मेरे बसी है,
करने को तेरी खिदमत,
मैंने कमर कसी है,
अब तो यह बात बाबा,
आकर कठिन फंसी है,
सेवक सहे जो संकट,
उसमें तेरी हंसी है।।२।।
अद्भुत शरीर तेरा,
है वीर वन के वासी,
दृग देख कर देह में,
कूदे मदन विलासी,
भृकुटी विपत को भंजन,
कोटी मदन बिलासी,
वरनू मैं छवि कहां तक,
दुष्टों को फूंक फांसी।।३।।
माथे तिलक विराजे,
सिर पर मुकुट निराला,
कुंडल श्रवण में सोहे,
गले बीच मुक्ति माला,
बाजू रतन जड़ित है,
सोहे भुजन में आला,
छवि जो नहरे तेरी,
उसका हो बोल बाला।।४।।
तन पर सिंदूर सोहे,
कर में गदा विराजे,
अद्भुत अनूप जंघा पे,
जांघिया को साजे,
पीकर के वीर बूटी,
जब तू वनों में गाजे,
पत्थर पिघल हो पानी,
पाताल दहल गाजे।।५।।
चंदन खड़ाऊं सोहे,
चरणों में वीर तेरे,
जिन देव हाथ जोड़े,
चरणों में रहे तेरे,
जिन पर कुम्हर है तेरी,
उनके फुकें हैं डेरे,
अब तो सफल मनोरथ,
कर दे तू बाबा मेरे।।६।।
जिनके जिगर में तेरी,
सूरत समा रही है,
उनको वह अपना जलवा,
जग में दिखा रही है,
सृष्टि की सारी संपत्ति,
उन्हीं पर आ रही है,
पर मुझ बेनसीब को,
झांसा दिखा रही है।।७।।
तुम ही ने वीर बंकट,
रघुवर के काज सारे,
ढूंढन सिया को धाए,
तुम रावणा के द्वारे,
बनके बिलई भवन सब,
लंका के झांक डारे,
लाए खबर सिया की,
हे हरि के प्राण प्यारे।।८।।
शक्ति लगी लखन के,
तब काम तुम्हीं आए,
लेने को औषधि तुम,
हे पवनपुत्र धाए,
फिर जड़ समेत पर्वत,
तुम ही उखाड़ लाए,
जाना नहीं किसी ने,
रवि गाल में छिपाए।।९।।
संकट मिटा लखन का,
भई कल सबके मन में,
अतुलित अपार बल है,
बाबा तेरी भुजन में,
मारे हैं लात जब तू,
कूदे किलक के वन में,
असुरों के शस्त्र कर से,
झट गिर पड़े धारण में।।१०।।
जब ले गया प्रभु को,
अहिरावणा चुराकर,
पाताल पहुंचे पल में,
फिर तुम पता लगाकर,
ली बांध मुश्कें तुमने,
थी मकरध्वज की जाकर,
दाखिल हुए भवन में,
निज रूप को छिपाकर।।११।।
जाते ही लात तुमने,
चंडी के फिर जमाई,
चंडी धंसी धरण में,
अपनी कला दिखाई,
जितने धरे थे व्यंजन,
सब की करी सफाई,
बोले फिर लाओ भूखी,
है यह तो काली माई।।१२।।
सुन के वचन खुशी हुई,
अहिरावणा को भारी,
झटपट से की असुर ने,
बलिदान की तैयारी,
बुलाए राम लक्ष्मण,
ली हाथ में कटारी,
बोला कड़क-फड़क कर,
वह दुष्ट बलकारी।।१३।।
सुन ले ओ राम तपस्वी,
बंदर नचाने वाले,
अरमान अपने जी के,
तू अब सभी मिटा ले,
करता हूं अब तुझे मैं,
सुन मौत के हवाले,
जो ले हिमायत तेरी,
उसको तू अब बुला ले।।१४।।
बोले प्रभु ए मूर्ख,
क्यों भय हमें दिखावे,
धीरे से बोल भैया,
हनुमान सुन ना पावे,
जिंदा तुझे ना छोड़े,
क्यों गाल तू बजावे,
संकट से वीर बंकट,
बिन कौन हमें बचावे।।१५।।
सुन के वचन प्रभु के,
हुंकार तुमने मारी,
मरकट गिरा धारण पर,
भागे भवन पुजारी,
फिर करके कोप तुमने,
थी बज्र की देहधारी,
अहिरावणा असुर की,
पल भर में दम निकाली।।१६।।
जिस पर हे वीर बंकट,
पड़ जाए तेरा साया,
कायर से मर्द होवे,
यह भेद-वेद गाया,
सेवक जो सच्चे दिल से,
तेरी शरण में आया,
उसके न घर से हरगिज,
टाले-टले है माया।।१७।।
जो कोई भक्त तेरी,
सेवा कर है जी से,
हरफन में हर हुनर में,
वह न दबे किसी से,
पर जो विमुख है तुमसे,
खोटी सुने सभी से,
आफत पड़े है उस पर,
दांती कजा भी पीसे।।१८।।
तुम्हरे सिवा ना कोई,
रघुनाथ को है प्यारा,
जो चाहे सो करो तुम,
अख्तियार तुम्हें सारा,
ऐ बेकसों के बाली,
मुझको तेरा सहारा,
भिक्षुक हूं तेरे दर का,
झांकूं न कोई द्वारा।।१९।।
तेरे सिवा ना कोई,
इस वक्त में है मेरा,
आकर के हर तरफ से,
गर्दिश ने मुझको घेरा,
ऐ केसरी के नंदन,
करिए इधर भी फेरा,
मांगू मदद मैं किस से,
सेवक कहा के तेरा।।२०।।
इस वक्त वीर मेरे,
दिन खोटे आ रहे हैं,
दुश्मन भी वार अपना,
मुझ पर चला रहे हैं,
सेवक तेरे को बाबा,
जो अब सता रहे हैं,
वह नाम अपना मौत के,
दफ्तर लिखा रहे हैं।।२१।।
लेते ही नाम तेरा,
भय पास नहीं आए,
रूठा हुआ मुकद्दर,
पल में हुकुम बजाए,
तेरे सिवा ना बाबा,
चिंता मेरी मिटावे,
तू ही वकील मेरा,
मुझे राम से मिलावे।।२२।।
मुझ दीन की ओ दाता,
कर ले तू अब सुनाई,
दुनिया की फिक्र ग़म से,
मुझको दिल रिहाई,
मांगू मुराद ये ही,
बुद्धि बड़े सवाई,
मेरे रकीब पर हो,
ताऊन की चढ़ाई।।२३।।
तू शाह मैं भिखारी,
कहने की क्या जरूरत,
जो जी में आए दे दे,
पूछे मती मुहूर्त,
ए शहंशाह हमारे,
भोली है तेरी सूरत,
तुझको प्रसन्न करने की,
क्या करूं मैं सूरत।।२४।।
हलधर महंत तेरे,
कदमों को सदा चूमें,
द्विज रूप राम तेरे,
बल से विदेश घूमें,
ज्ञानी गुनी है जो भी,
धुन सुन के तेरी झूमें,
यह दास रहता है निर्भय,
तुम्हारी भू में।।२५।।
Singer – Dishu Shyama
8077975553