संता राम नाम तरबा को,
भजता भजता दुःख मिटेला,
डाव लागे नहीं यमा को।।
जलती अग्नि में बछिया उबारिया,
धरियो विश्वास पाको,
पापी पिता ने हार मनाई,
प्रहलाद भगत सदा को,
भाई राम नाम तरवा को।।
राम नाम भजे कोई सुरा,
नहीं काम नुगरा को,
राग द्वेष ने दूर हटावो,
धोले दाग मायला को,
भाई राम नाम तरवा को।।
वेद संत यूं हैला देवे,
प्रारब्ध है थाको,
जो नर भगती में लागा,
दुखड़ो मिट गयो वाको,
भाई राम नाम तरवा को।।
लादूदास जी सतगुरु मिलिया,
सेवक गुरु चरणा को,
प्यारे लाल अर्ज गुजारे,
सदा सेवा में राखो,
भाई राम नाम तरवा को।।
संता राम नाम तरबा को,
भजता भजता दुःख मिटेला,
डाव लागे नहीं यमा को।।
गायक – चम्पा लाल प्रजापति।
मालासेरी डूंगरी। 8947915979