अलख निरंजन निज निराकारी विभो नभ ज्यूँ अलख पसारी

अलख निरंजन निज निराकारी, विभो नभ ज्यूँ अलख पसारी।। निर्गुण से सिर्गुण हो आया, ज्योति स्वरूप है आपकी माया। अलख ...

Read moreDetails

लेके फिर अवतार कन्हैया कलयुग में आ जाओ भजन लिरिक्स

लेके फिर अवतार कन्हैया, श्लोक - यदा यदा हि धर्मस्य, ग्लानिर्भवति भारत, अभ्युत्थानमधर्मस्य, तदात्मानं सृजाम्यहम्। परित्राणाय साधूनां, विनाशाय च दुष्कृताम्, ...

Read moreDetails
Page 983 of 1526 1 982 983 984 1,526
error: कृपया प्ले स्टोर या एप्प स्टोर से भजन डायरी एप्प इंस्टाल करे