देवता भी स्वार्थी थे दौड़े अमृत के लिए भजन लिरिक्स
देवता भी स्वार्थी थे, दौड़े अमृत के लिए, हम सदा उनको भजेंगे, जो जहर हंस के पिए, हम नमन उनको ...
Read moreDetailsदेवता भी स्वार्थी थे, दौड़े अमृत के लिए, हम सदा उनको भजेंगे, जो जहर हंस के पिए, हम नमन उनको ...
Read moreDetailsखाटू में विराजे, मेरे बाबा दीनानाथ, बिगड़ी बनाते सबकी, देते हारे का वो साथ, खाटु में विराजे, मेरे बाबा दीनानाथ।। ...
Read moreDetailsऐ श्याम तुझे मैं खत लिखता, पर पता मुझे मालूम नहीं।। तर्ज - दिल लूटने वाले। मैंने सूरज से पूछा ...
Read moreDetailsश्याम तुम्हारे दर्शन को, नैना कबसे तरस रहे, नज़रे मिली जो सांवरे तुमसे, रिमझिम रिमझिम बरस रहे, श्याम तुम्हारें दर्शन ...
Read moreDetailsरंगी गुब्बारों से मंडप सजाया है, मिश्री मावे का एक केक मंगाया है, नाचेंगे हम सारी रात, जन्मदिन श्याम का ...
Read moreDetailsसज गयी खाटू नगरी, शोभा अपरम्पार है, बैठा सजधज के देखो, मेरा लखदातार है, उमड़ी जन्मदिवस पर, भगतों की कतार ...
Read moreDetailsश्याम पधारे हैं, हमारे घर श्याम पधारे है, खुशी जहाँ की मिली आज तो, जागे भाग हमारे है, श्याम पधारे ...
Read moreDetailsपावन ये द्वारा है, सबसे निराला है, तेरे चरणों में झुकता, संसार सारा है, मैं भी आया हूँ दरबार, माँ ...
Read moreDetailsतुलसी सुमर संसार सार दे, तीनों वर्णों से ये, तीन लोक तार दे।। तर्ज - पलकों का घर तैयार सांवरे। ...
Read moreDetailsधिन गुरु देवो वचन परवाणी, दोहा - सतगुरु जी को वंदना, कोटि कोटि प्रणाम, कीट न जाणे भृङ्ग का, गुरु ...
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