पाखंड में नर क्यों भटका खावे रे लिरिक्स
पाखंड में नर क्यों भटका खावे रे, दोहा - उपकार बडो निज धर्म कहे, तन से मन से धन से ...
Read moreDetailsपाखंड में नर क्यों भटका खावे रे, दोहा - उपकार बडो निज धर्म कहे, तन से मन से धन से ...
Read moreDetailsआजा खाजा रे दवाई, गुरुजी वैद्य आया। दोहा - टेडे मेडे गोलमोल, सिलावट पाषाण को, विविध प्रकार, धर मूर्ति बनाय ...
Read moreDetailsप्रेमियों की नैया का, बाबा खेवनहार, मेरी नाव कभी ना डूबे, मेरी नाव कभी ना डूबे, नैया होती है पार, ...
Read moreDetailsयूँ जन्म सफल हो जावे रे, दोहा - संग सदा करिए तिन को, जिन संग कलंक लगे नहीं कोई, दूर ...
Read moreDetailsतेरे भरोसे हम तो सांवरे, तेरे भरोसे चलता दम, तू ही है साँसों का साथी, तेरे लिए मैं करूँ करम, ...
Read moreDetailsआया रे आया आया रे आया, खाटू वाले का जन्मदिन, आया रे आया, लाया रे लाया खुशियां, लाया रे लाया, ...
Read moreDetailsमानव ऐसी करनी कर रे, पाछे लोग करें गुणगान। दोहा - गुजरान भलो दुख दिन पणे, कर काज अनीति कमावणो ...
Read moreDetailsमानव इतना तो कर आके, दोहा - इतिहास बने इस जीवन का, जन जीवन में कुछ तो कर रे, जन ...
Read moreDetailsखाटू तू आकर देख, यहाँ सच्ची अदालत है, श्याम अपने भक्तो की, खुद करता वकालत है।bd। तर्ज - बाबुल का ...
Read moreDetailsकान्हा तेरी गली से, उठकर ना जाऊँगा, जितनी भी जिंदगी है, जितनी भी जिंदगी है, मैं यही बिताऊंगा, कान्हां तेरी ...
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