एक हरि को छोड़ किसी की चलती नही है मनमानी भजन लिरिक्स
एक हरि को छोड़ किसी की, चलती नहीं है मनमानी, चलती नही है मनमानी॥ लंकापति रावण योद्धा ने, सीता जी ...
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Read moreDetailsजाएगा जब यहाँ से, कुछ भी ना पास होगा, दो गज कफ़न का टुकड़ा, तेरा लिबास होगा।। काँधे पे धर ...
Read moreDetailsदे दे थोड़ा प्यार मैया, तेरा क्या घट जायेगा, ये बालक भी तर जायेगा, दे दे थोड़ा प्यार।। तर्ज - ...
Read moreDetailsसीताराम दरश रस बरसें, जैसे सावन की झड़ी।। चोपाई - चहुं दिशि बरसें राम रस, छायों हरस अपार, राजा रानी ...
Read moreDetailsभजन बिना चैन ना आये राम श्लोक - बैठ के तु पिंजरे में, पंछी काहे को मुसकाय, हम सब है ...
Read moreDetailsश्यामा आन बसों व्रंदावन में, मेरी उमर बीत गई गोकुल में।। श्यामा रसते में बाग लगा जाना, फुल बीनूंगी तेरी ...
Read moreDetailsअगर श्याम सुन्दर का सहारा ना होता, तो दुनिया में कोई हमारा ना होता।। जबसे मिली है दया हमको इनकी, ...
Read moreDetailsतूने मुझे बुलाया शेरा वालिये, मैं आया मैं आया शेरा वालिये, ज्योता वालिये, पहाड़ा वालिये, मेहरा वालिये, तुने मुझे बुलाया ...
Read moreDetailsआ लौट के आजा हनुमान, तुझे तेरे राम बुलाते है, लक्ष्मण के बचा ले प्राण, लक्ष्मण के बचा ले प्राण, ...
Read moreDetailsरट ले हरि का नाम, सब छोड़ दे उल्टे काम, बैरी रट ले हरि का नाम।। जिस दौलत पर तुझे है ...
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