कहते है सब ग्रंथ हो चाहे गीता या रामायण
कहते है सब ग्रंथ हो चाहे, गीता या रामायण। दोहा - राम कृष्ण दोऊ एक है, अंतर नहीं निमेष, उनके ...
Read moreDetailsकहते है सब ग्रंथ हो चाहे, गीता या रामायण। दोहा - राम कृष्ण दोऊ एक है, अंतर नहीं निमेष, उनके ...
Read moreDetailsभेरूजी म्हाने थारो है थारो, दादा एक आसरो थारो, म्हाने एक आसरो थारो, दादा एक आसरो थारो, म्हाने थारो है ...
Read moreDetailsछोटे से ये राम लला, मेरे अंगना में डोले रे, पाँव की पैंजनिया उनकी, छम छम बोले रे, छोटे से ...
Read moreDetailsतेरी मोरछड़ी बाबा जब भी लहराती है, भक्तों के दुःख सारे ये पल में मिटाती है।। तर्ज - तू किरपा ...
Read moreDetailsबिना पैर धोए चढ़ाऊँ ना नैया, पैर धुला करके आना पड़ेगा, चढ़ेगा ना केवट चलेगी ना नैया, पैर धुला करके ...
Read moreDetailsजय चामुंडा माता, मैया जय तुलजा माता, आरती तेरी उतारे, जग जननी माता, मैया जय चामुंडा माता।। रूप चतुर्भुज धारा, ...
Read moreDetailsहर ग्यारस को बाबा तेरे, धाम आऊँगा, लेकर ध्वजा निशान, खाटू श्याम आऊँगा।। तर्ज - दुनिया रचाने वाले को। जो ...
Read moreDetailsमेरी मानो पिया, उनकी दे दो सिया। दोहा - करना है शुभ कर्म करो, चोरी का करना ठीक नहीं, हरना ...
Read moreDetailsबैठा बैठा वो मेवाड़ मण्डफिया माय, सांवरिया मारा मोटा धणी।। मण्डपिया मेवाड में मोटो मन्दिरयो, सब भक्ता को मनडो मोह ...
Read moreDetailsघनी देर से आयो कोन्या, मनडो हुयो अधीर, मात पिता जंगल में प्यासा, कौन पीलावे नीर, अब तो आजा श्रवण ...
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