मुकुट सिर मोर का मेरे चित चोर का भजन लिरिक्स

मुकुट सिर मोर का मेरे चित चोर का भजन लिरिक्स
कृष्ण भजन

मुकुट सिर मोर का,
मेरे चित चोर का,
दो नैना नैना नैना,
दो नैना सरकार के,
कटीले हैं कटार से।।



आजा के भरलु तुझे,

अपनी बाहो में,
आजा छिपा लु तुझे,
अपनी निगाहो में, 
दीवानों ने विचार के,
कहा ये पुकार के,
दो नैना सरकार के,
कटीले हैं कटार से।।



रास बिहारी नहीं,

तुलना तुम्हारी,
तुमसा ना देखा कोई,
पहले अगाडी,
के नुनराए वार के,
के नजरे उतार के,
दो नैना सरकार के,
कटीले हैं कटार से।।



प्रेम लजाये तेरी,

बाँकी अदाओं पर,
फुले घटाए तेरी,
तिरछी निगाहो पर,
की सौ चाँद वार के,
दीवाने गए हार के, 
दो नैना सरकार के,
कटीले हैं कटार से।।



मुकुट सिर मोर का,

मेरे चित चोर का,
दो नैना नैना नैना,
दो नैना सरकार के,
कटीले हैं कटार से।।


3 thoughts on “मुकुट सिर मोर का मेरे चित चोर का भजन लिरिक्स

  1. bahut hi badiya super se bhi bahut uper jai ho radharani sarkar ki jai ho saware sarkar jai ho jai ho

    1. Dhanywad, Sabhi Bhajano ko sidhe apne mobile me dekhne ke liye, Kripaya Bhajan Diary App Download kare.

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