मोर मुकुट बंसी वाले,
मंडपिया के राजा मतवाले,
तेरा बहुत बड़ा दरबार,
मेरे सांवरिया,
मेरा सबसे बड़ा है बैंक,
मेरे सांवरिया।।
केसर ललाट तिलक बाल घुंघराले,
तिरछे नैना कजरारे कुंडल डाले,
ओ रूप रसीले मन मोहना,
गाड़ी में हीरा चमक रहा,
तेरा बहुत बड़ा दरबार,
मेरे सांवरिया,
मेरा सबसे बड़ा है बैंक,
मेरे सांवरिया।।
सांवरा दीवाना है मंडफिया की काना,
तेरे दरबार से ही रिश्ता पुराना,
सेठो के सेठ दिलवाले,
मीरा के गिरधर गोपाले,
तेरा बहुत बड़ा दरबार,
मेरे सांवरिया,
मेरा सबसे बड़ा है बैंक,
मेरे सांवरिया।।
सीकर हवेली ऊंची सोने का जढाव है,
कुबेर भंडार भर चांदी के किवाड़ है,
आभूषण रत्न माणक मोती,
पीतांबर अगर की है तोती,
तेरा बहुत बड़ा दरबार,
मेरे सांवरिया,
मेरा सबसे बड़ा है बैंक,
मेरे सांवरिया।।
कमर कटार काचीनी बीजलसा भाला,
पायलिया छम छम गल बैजंती माला,
दर्शन दुनिया दौड़ी आती,
सांवरिया तेरे गुण गाती,
तेरा बहुत बड़ा दरबार,
मेरे सांवरिया,
मेरा सबसे बड़ा है बैंक,
मेरे सांवरिया।।
भक्तों की झोपड़ी में कभी दरस देना,
त्रिलोकी नाथ शुद्ध दुखियों की लेना,
चरणों में गोकुल गुण गाता,
सुरेश सदा तुमको चाहता,
तेरा बहुत बड़ा दरबार,
मेरे सांवरिया,
मेरा सबसे बड़ा है बैंक,
मेरे सांवरिया।।
मोर मुकुट बंसी वाले,
मंडपिया के राजा मतवाले,
तेरा बहुत बड़ा दरबार,
मेरे सांवरिया,
मेरा सबसे बड़ा है बैंक,
मेरे सांवरिया।।
गायक – गोकुल शर्मा जी।
प्रेषक – शिवम राजपूत।
9893646291