मेरे स्वामी श्री हरिदास,
कृपा के सागर है,
कृपा के सागर है,
सब रसिकन के सिरताज
सब रसिकन के सिरताज
कृपा के सागर
कृपा के सागर।bd।
श्री ललिता जू अवतारी,
है रसिकन सुखदाता,
है रसिकन सुखदाता,
श्री निधिवन रहे विराज,
श्री निधिवन रहे विराज,
कृपा के सागर है,
कृपा के सागर है।bd।
जो हुआ अनन्य स्वामी जी का,
विपिन में उसे बसा लिया,
विपिन में उसे बसा लिया,
दरसायो सखी समाज,
दरसायो सखी समाज,
कृपा के सागर है,
कृपा के सागर है।bd।
सदा नाम जो स्वामी जू का गाए,
बिहारी जी को वो पाए,
बिहारी जी को वो पाए,
राखी ‘चित्र विचित्र’ की लाज,
राखी ‘चित्र विचित्र’ की लाज,
कृपा के सागर है,
कृपा के सागर है।bd।
मेरे स्वामी श्री हरिदास,
कृपा के सागर है,
कृपा के सागर है,
सब रसिकन के सिरताज
सब रसिकन के सिरताज
कृपा के सागर
कृपा के सागर।bd।
स्वर – श्री चित्र विचित्र जी महाराज।