मेरा मोहन राम लटाधारी,
है वैध बडा अलबेला,
है वैध बडा अलबेला,
रे वो वैध बडा अलबेला।।
शोर मचा ये जग में भारी,
बाबा मेटे सभी बीमारी,
खोली की छटा तै न्यारी हे,
जहाँ भरे दोज का मैला।।
सिग्हाशन का बैठन वाला,
रूप धार साधू का चाला,
वाकी सुरत लागे प्यारी है,
जैसे कोई बाका छैला।।
दोनों हाथों बाट रहा है,
सब के संकट काट रहा है,
वो सच्चा न्याय कारि है,
ना लेता किसी से धैला।।
बाझं नार की झोली भरता,
भक्त वचन को पुरण करता,
सुरेन्द्र सिंह निठौरा वासी है,
जो असल गुरु का चला।।
मेरा मोहन राम लटाधारी,
है वैध बडा अलबेला,
है वैध बडा अलबेला,
रे वो वैध बडा अलबेला।।
गायक – सुरेन्द्र सिंह निठौरा।
9999641853








