मेहंदी तो लगाज्यो ऐ,
सैयां मारे ऊदल के,
रांची राती पिली लाल,
ब्याव मारा उदल को।।
खंभ तो बनाजे रे,
ये छोरा खाती का,
थारे छावे तो ले जाय,
ब्याव मारा उदल को।।
बागो सिलईजे रे,
छोरा दर्जी का,
थारे छावे तो ले जाय,
ब्याव मारा उदल को।।
ढोल बजाजये रे,
छोरा सणदोई का,
थारे छावे तो ले जाय,
ब्याव मारा उदल को।।
मेहंदी तो लगाज्यो ऐ,
सैयां मारे ऊदल के,
रांची राती पिली लाल,
ब्याव मारा उदल को।।
गायक – किशन लाल सुथार।
श्री भैरु नाथ म्युजिकल ग्रुप।
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