माजीसा कठे रे सोया सुख भर नींद में भजन लिरिक्स

माजीसा कठे रे सोया सुख भर नींद में भजन लिरिक्स
राजस्थानी भजन

माजीसा कठे रे सोया,
सुख भर नींद में,
माजीसा कठे रे लगाई इतरी देर,
जागण में बेगा आवजो।।



माजीसा जसोलगढ़ में,

बणीयो थारो देवरो,
थारा देवलिया में,
जागे जगमग जोत,
जागण में बेगा आवजो।
माजीसा कठे रे सोया रे,
सुख भर नींद में,
माजीसा कठै रे लगाई इतरी देर,
जागण में बेगा आवजो।।



माजीसा घूमर रमता,

बेगा बेगा आवजो,
माजीसा आवो आवो,
तेरस वाली रात,
जागाण में बेगा आवजो।
माजीसा कठे रे सोया रे,
सुख भर नींद में,
माजी सा कठै रे लगाई इतरी देर,
जागण में बेगा आवजो।।



माजीसा मेवा रे मिठाई,

चढ़े चूरमो,
माजीसा चढ़े चढ़े,
लिलोड़ा नारेल,
जागण में बेगा आवजो।
माजीसा कठे रे सोया रे,
सुख भर नींद में,
माजी सा कठै रे लगाई इतरी देर,
जागण में बेगा आवजो।।



माजीसा बांजड़िया तो,

आवे थारे देवरे,
माजीसा बांजड़िया रा,
पालणिया हुलराय,
जागण में बेगा आवजो।
माजीसा कठे रे सोया रे,
सुख भर नींद में,
माजीसा कठै रे लगाई इतरी देर,
जागण में बेगा आवजो।।



माजीसा ‘आशा रे वैष्णव’ की,

सुणजो विणती,
माजीसा शरणे आया ने,
सोरा राख,
जागण में बेगा आवजो,
माजीसा कठै रे सोया रे,
सुख भर नींद में,
माजीसा कठे रे लगाई इतरी देर,
जागण में बेगा आवजो।।



माजीसा कठै रे सोया,

सुख भर नींद में,
माजीसा कठे रे लगाई इतरी देर,
जागण में बेगा आवजो।।

स्वर – आशा जी वैष्णव।

माजीसा माँ का यह भजन,
‘सत्य प्रकाश जाँगिड़
9928551404′ द्वारा,
राजस्थानी भजन डायरी,
से जोड़ा गया।


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