मैं तो गोवर्धन को जाऊं मेरे वीर,
नहीं माने मेरो मनवा,
नहीं माने मेरो मनवा,
नहीं माने मेरो मनवा,
मैं तो गोवर्धन को जाऊँ मेरे वीर,
नहीं माने मेरो मनवा।।
सात कोस दे परिकम्मा,
मैं तो मानसी गंगा नहाऊं मेरे वीर,
नहीं माने मेरो मनवा,
मैं तो गोवर्धन को जाऊँ मेरे वीर,
नहीं माने मेरो मनवा।।
सात सेर की करी रे करियां,
मैं तो संतन न्यौत जिमाऊं मेरे वीर,
नहीं माने मेरो मनवा,
मैं तो गोवर्धन को जाऊँ मेरे वीर,
नहीं माने मेरो मनवा।।
चन्द्रसखी भज बालकृष्ण छवि,
मैं तो हरि दर्शन को पाऊँ मेरे वीर,
नहीं माने मेरो मनवा,
मैं तो गोवर्धन को जाऊँ मेरे वीर,
नहीं माने मेरो मनवा।।
मैं तो गोवर्धन को जाऊं मेरे वीर,
नहीं माने मेरो मनवा,
नहीं माने मेरो मनवा,
नहीं माने मेरो मनवा,
मैं तो गोवर्धन को जाऊँ मेरे वीर,
नहीं माने मेरो मनवा।।
स्वर – श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज।