क्यों करे अभिमान जीवन है रे दो दिन का लिरिक्स

क्यों करे अभिमान जीवन है रे दो दिन का लिरिक्स
विविध भजन

क्यों करे अभिमान जीवन,
है रे दो दिन का,
एक हवा के झोंके से,
उड़ जाए जो तिनका,
क्यो करे अभिमान जीवन,
है रे दो दिन का।।

तर्ज – मेरा जीवन कोरा कागज़।



लाखों आए और चले गए,

स्थिर ना रह पाया,
स्थिर ना रह पाया,
खाक बन जाएगी एक दिन,
यह तेरी काया,
यह तेरी काया,
यह समय है आज तेरे,
आत्म चिंतन का,
क्यो करे अभिमान जीवन,
है रे दो दिन का।।



खाली हाथो आया है जग में,

संग ना कछु जाए,
संग ना कछु जाए,
कर्म तू जैसा करेगा,
काम वो ही आए,
काम वो ही आए,
ज्ञान की ज्योति जगा ले,
तम दूर कर मन का,
क्यो करे अभिमान जीवन,
है रे दो दिन का।।



छोड़कर झंझट जगत कि,

हरि शरण में आ,
प्रभु शरण में आ,
त्याग मन का अहंकार तू,
मुख से हरि गुण गा,
मुख से हरि गुण गा,
श्याम मंडल बिनती करता,
भक्त बजरंग का,
क्यो करे अभिमान जीवन,
है रे दो दिन का।।



क्यों करे अभिमान जीवन,

है रे दो दिन का,
एक हवा के झोंके से,
उड़ जाए जो तिनका,
क्यो करे अभिमान जीवन,
है रे दो दिन का।।

Singer / Upload – Sanjay Sharma
9827199762


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