कान्हा रे फागुण की रुत आयी रे भजन लिरिक्स

कान्हा रे फागुण की रुत आयी रे भजन लिरिक्स

तर्ज – बना रे बागा में झूला घाल्या
कान्हा रे फागुण की रुत आयी रे,

कान्हा रे फागुण की रुत आयी,
रंगीलो,
रंगीलो,
रंगीलो फाग खिलाजा म्हारा श्याम सांवरा।।



राधा रे बृज में मिले कन्हाई,

राधा रे बृज में मिले कन्हाई,
थारा प्यार का,
थारा प्यार का,
थारा प्यार का रंग में भीजे म्हारा श्याम सांवरा,
कान्हा रे फागण की रुत आयी,
रंगीलो फाग खिलाजा म्हारा श्याम सांवरा।।



कान्हा रे तू तो बेगो आजे रे,

कान्हा रे तू तो बेगो आजे रे,
फागुण को,
फागुण को,
फागुण को रंग जमाजे म्हारा श्याम सांवरा,
कान्हा रे फागण की रुत आयी,
रंगीलो फाग खिलाजा म्हारा श्याम सांवरा।।



सखियो रे आपा बृज में चला रे,

सखियो रे आपा बृज में चला रे,
सब हिल मिल,
सब हिल मिल,
सब हिल मिल खेलो फाग म्हारा श्याम सांवरा,
कान्हा रे फागुण की रुत आयी,
रंगीलो फाग खिलाजा म्हारा श्याम सांवरा।।



कान्हा रे ऐसी बंसी सुना जा रे,

कान्हा रे ऐसी बंसी सुना जा रे,
म्हारो जीवन,
म्हारो जीवन,
म्हारो जीवन बने सुरिलो म्हारा श्याम सांवरा,
कान्हा रे फागुण की रुत आयी,
रंगीलो फाग खिलाजा म्हारा श्याम सांवरा।।


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