ज्योत जले रे दिन रात माई की मडुलिया में लिरिक्स

ज्योत जले रे दिन रात माई की मडुलिया में लिरिक्स

ज्योत जले रे दिन रात,
माई की मडुलिया में।।



जग जननी दुःख हरनी माता,

सब की सुने फरियाद,
माई की मडुलिया में।।



जूही चम्पा मोगरा फुले,

चमेली खिले आधी रात,
माई की मडुलिया में।।



धूप कपूर की आरती होवे,

हलुवा को चढ़े प्रसाद,
माई की मडुलिया में।।



हनुमत नाचे भैरों नाचे,

मैया नाचे साथ,
माई की मडुलिया में।।



माई के ‘पदम्’ गुणगान करो जी,

पूरी होगी मुराद,
माई की मडुलिया में।।



ज्योत जले रे दिन रात,

माई की मडुलिया में।।

लेखक / प्रेषक – डालचन्द कुशवाह”पदम्”
भोपाल। 9827624524


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