जिसके ह्रदय में राम नाम बंद है,
उसको हर घड़ी आनंद ही आनंद है।।
लेकर सिर्फ राम नाम का सहारा,
इस दुनिया से करके किनारा,
प्रभु राम की रजा में रजामंद है,
उसको हर घड़ी आनंद ही आनंद है,
जिसकें ह्रदय में राम नाम बंद है,
उसको हर घड़ी आनंद ही आनंद है।।
बुरी संगत की रंगत से दूर रहे,
निंदा चुगली कभी ना किसी की कहे,
जिसको सत्संग हरदम पसंद है,
उसको हर घड़ी आनंद ही आनंद है,
जिसकें ह्रदय में राम नाम बंद है,
उसको हर घड़ी आनंद ही आनंद है।।
जिसके ह्रदय में राम नाम बंद है,
उसको हर घड़ी आनंद ही आनंद है।।
स्वर – देवेन्द्र पाठक जी।
Bahut achha
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