श्याम धनी के मेले में,
निशान उठाना स,
अरे भैया,
झटपट होले तैयार,
तने खाटू जाना स।।
सवा मीटर को ल्याके कपड़ों,
एक निशान बना ले,
उसमें डोरी बास डाल के,
उसने खूब सजा ले,
निशान उठा के हाथों में,
तने नाचते जाना स,
अरे भैया,
झट पट हो ले तैयार,
तने खाटू जाना स।।
केसरिया कुर्ता सिमवाले,
और पच रंगी पगड़ी,
नई पहन ले धोती भैया,
गांठ लगा ले तगड़ी,
बांध के पगड़ी आज तने,
बनडा बन जाना स,
अरे भैया,
झट पट हो ले तैयार,
तने खाटू जाना स।।
माखन मिश्री खीर चूरमा,
भर भर थाली ले ले,
काजू किशमिश और छुहारा,
खूब साथ में ले ले,
खाटू में तने श्याम धनी के,
भोग लगाना स,
अरे भैया,
झट पट हो ले तैयार,
तने खाटू जाना स।।
भायो भाभी काको काकी,
सगला आपा चाला,
ताऊ ताई दादो दादी,
ने सागे ले चाला,
“विष्णु” कहता खाटू में तने,
भजन सुनाना स,
अरे भैया,
झट पट हो ले तैयार,
तने खाटू जाना स।।
श्याम धनी के मेले में,
निशान उठाना स,
अरे भैया,
झटपट होले तैयार,
तने खाटू जाना स।।
स्वर – शालू आरोही।
लेखक – विष्णु शर्मा राजगढ़िया।
9382 890184








