मंगल को जन्मे मंगल ही करते,
ऐसे हैं मेरे हनुमान,
जय हो उल्टे हनुमान,
जय हो उल्टे हनुमान।।
मंगल को आओ मंगल ही पाओ,
जीवन के अपने दुखड़े मिटाओ,
आओ आओ हनुमान राह दिखाओ,
करते हो सबका भला तुम,
जय हों उल्टे हनुमान,
जय हों उल्टे हनुमान।।
सांवेर की बस्ती है जिसमें हां जां,
लेते हैं यहां सभी उनका ही नाम,
बनते हैं यहां सभी के बिगड़े हुए काम,
वो है मेरे उल्टे हनुमान,
जय हों उल्टे हनुमान,
जय हों उल्टे हनुमान।।
मंगल को जन्मे मंगल ही करते,
ऐसे हैं मेरे हनुमान,
जय हो उल्टे हनुमान,
जय हो उल्टे हनुमान।।
गायक / प्रेषक – चिंतन त्रिवेदी।
8602230904