जरा पास बैठो,
हे बांके बिहारी,
पलक में पिरो लूँ,
छवि मैं तिहारी,
मुलाकात जाने हो,
फिर कब हमारी,
पलक में पिरो लूँ,
छवि मैं तिहारी,
ज़रा पास बैठों,
हे बांके बिहारी।।
चरण देखे जाऊं या,
मुखड़ा निहारूं,
ये दिल दे दूँ पहले की,
जां पहले वारूं,
ये कजरारी अखियां,
ये लट कारी अखियां,
पलक में पिरो लूँ,
छवि मैं तिहारी,
ज़रा पास बैठों,
हे बांके बिहारी।।
ये सूरत जो राधा के,
मन में समाई,
जिसे देखकर मीरा,
महल छोड़ आई,
मैं बलिहारी जाऊं,
इसपे मुरारी,
पलक में पिरो लूँ,
छवि मैं तिहारी,
ज़रा पास बैठों,
हे बांके बिहारी।।
कई जन्म बांधे,
तपस्या के धागे,
किसी और संग कान्हा,
नेह ना लागे,
मेरी ओर देखो,
हे गिरधारी,
पलक में पिरो लूँ,
छवि मैं तिहारी,
ज़रा पास बैठों,
हे बांके बिहारी।।
जरा पास बैठो,
हे बांके बिहारी,
पलक में पिरो लूँ,
छवि मैं तिहारी,
मुलाकात जाने हो,
फिर कब हमारी,
पलक में पिरो लूँ,
छवि मैं तिहारी,
ज़रा पास बैठों,
हे बांके बिहारी।।
Singer – Devi Neha Saraswat
Lyrics – Ravi Chopra