जन्नत सी सजी नगरी,
चमक रहा दरबार,
बुलाता है हमें फिर वो,
श्याम तेरा ही प्यार,
अपना बना लो मुझे,
श्याम सेवक बना लो मुझे।।
तर्ज – आ अब लौट चले।
अंजान है वो नादान है वो,
तेरे प्यार को जो ना समझ पाया,
दिल ने जब भी बेचैन किया,
मैं तेरे दर पे चला आया,
तेरा दर्शन तेरी पूजा,
मेरे दिल में मेरा घर है,
जरा देखें कोई इसको,
ये जन्नत से भी सुंदर है,
बिना तेरे नहीं रहना,
नहीं रहना मेरे श्याम,
अपना बना लो मुझे,
श्याम सेवक बना लो मुझे।।
इक पल के लिए इक दिन के लिए,
ना भूल मैं तुमको पाऊंगा,
तेरी खाटू की इन गलियों में,
अपना जीवन मैं बिताऊंगा,
तुझे देखूं तुझे चाहू,
तेरी भक्ति में खो जाऊं,
यही मेरी तमन्ना है,
तेरी गोदी में सो जाऊं,
नहीं रहना नहीं रहना,
तेरे बिन मेरे श्याम,
अपना बना लो मुझे,
श्याम सेवक बना लो मुझे।।
दुनिया से जो भी हारा है,
वो तेरे दर पे आया है,
उसको तूने ऐ सांवरिया,
अपने गले से लगाया है,
मिली खुशियां उसे हरपल,
श्याम तेरे ही सिमरन में,
तेरी कृपा तेरी रहमत,
रहे ‘सोनू’ के जीवन में
आता रहे आता रहे,
हर ग्यारस तेरे द्वार,
अपना बना लो मुझे,
श्याम सेवक बना लो मुझे।।
जन्नत सी सजी नगरी,
चमक रहा दरबार,
बुलाता है हमें फिर वो,
श्याम तेरा ही प्यार,
अपना बना लो मुझे,
श्याम सेवक बना लो मुझे।।
Singer – Krishan Bhatt
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