इंदर गाजे गम गम,
बरखा बरसे रमाजम,
ऊंची बादल में बीजलीया,
भेला भेल में,
जन्मया जन्मया रे साँवरिया,
मथुरा जेल में।।
बंद किए हैं कंसराज ने,
बहन और बहनोई,
सात पुत्र को मार गिराये,
बन मामा निर्मोही,
आठमा जनम्या नटखट,
ताला टूट्या खटाखट,
पेरेदारा ने सुलाया,
निंदा गेल में,
जन्मिया जन्मिया रे साँवरिया,
मथुरा जेल में।।
प्रकट भये गोपाल,
पिताजी से यू के बतलाये,
नन्द मेहल घर माया मेरी,
कन्या रूप प्रकटाई,
ए गोकुल पहुचा दो नी जट,
कन्या ले आओ पलट,
देखो फेर क्या दिखाऊ,
आगे खेल में,
जन्मिया जन्मिया रे साँवरिया,
मथुरा जेल में।।
मात यशोदा के आँगन से,
घर घर बंटे बधाई,
लड़का नहीं लड़की का जन्म,
सुन कंस गया घबराये,
हाथ सु वा भी गयी रपट,
वोतो देखरयो सम्पट,
वोतो मथुरा को राजा रे,
ढेला ढेल में,
जन्मिया जन्मिया रे साँवरिया,
मथुरा जेल में।।
नारायण अवतार तार,
भूभार हरण को आये,
साँवरिया को जन्मदिवस,
स्वामी चेतन मन भाये,
बिराज्या ऊँकारा के घट,
भजन बणग्यो फटाफट,
हरदम रिज्यो रे साँवरिया,
मारि पेल में,
जन्मिया जन्मिया रे साँवरिया,
मथुरा जेल में।।
इंदर गाजे गम गम,
बरखा बरसे रमाजम,
ऊंची बादल में बीजलीया,
भेला भेल में,
जन्मया जन्मया रे साँवरिया,
मथुरा जेल में।।
गायक – जगदीश जी वैष्णव।
प्रेषक – किशन धाकड़।
8118823912