जगत प्रीत मत करियो रे मनवा,
जगत प्रीत मत करियो,
हरी वादा से डरियो रे मनवा,
जगत प्रीत मत करियो।।
ये जग तो माया की छाया,
झूटी माया झूटी छाया,
या पीछे मत पड़ियो रे मनवा,
जगत प्रीत मत करियो।।
ये जग तो माटी का खिलौना,
इसके पीछे तू मत खोना,
गुरु चरण चित धरियो रे मनवा,
जगत प्रीत मत करियो।।
ये जग तो झूठा दीवाना,
पागल मन यहाँ ना फस जाना,
नही तो जिन्दा मरियो रे मनवा,
जगत प्रीत मत करियो।।
इस जग में तू आया अकेला,
मत करियो जग ते मन मेला,
भव से पार उतरियो रे मनवा,
जगत प्रीत मत करियो।।
जगत प्रीत मत करियो रे मनवा,
जगत प्रीत मत करियो,
हरी वादा से डरियो रे मनवा,
जगत प्रीत मत करियो।।
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अति सुंदर अति मधुर श्री हरि राधे राधे