हारे हुए है दर आए है करो अब मेहर की नज़र लिरिक्स

हारे हुए है दर आए है करो अब मेहर की नज़र लिरिक्स
कन्हैया मित्तल भजनकृष्ण भजनफिल्मी तर्ज भजन

हारे हुए है दर आए है,
करो अब मेहर की नज़र,
बनो सांवरे मेरा,
तुम हमसफर,
हारें हुए है दर आए है,
करो अब मेहर की नज़र।।

तर्ज – दिल दे दिया है।



हमदर्द तुमसा ना,

कोई जहाँ में,
तो दर्द ये सुनाऊँ,
अब कहाँ मैं,
भटका हूँ सांवरे,
तू ठिकाना मेरा,
जादू अब कोई,
तू दिखाना तेरा,
विश्वास है ये,
तेरी रहमतें ये,
होगी कभी भी ना बेअसर,
बनो सांवरे मेरा,
तुम हमसफर,
हारें हुए है दर आए है,
करो अब मेहर की नज़र।।



हर बार ही,

विफल हम रहे है,
लड़खड़ाते मगर,
चल रहे है,
मंजिल का दो पता,
अब हमें सांवरे,
साथी सा बन मिलो,
अब मेरी राह में,
तेरी रोशनी से,
श्याम मंजिलों की,
दिखने लगेगी डगर,
बनो सांवरे मेरा,
तुम हमसफर,
हारें हुए है दर आए है,
करो अब मेहर की नज़र।।



होगा भला,

ओ बाबा हमारा,
मिल गया जो,
तुम्हारा एक इशारा,
रातों को अब मेरी,
एक नई भोर दे,
‘निर्मल’ की अर्जी पे,
सांवरे गौर दे,
तेरे आसरे में,
तेरे पास हूँ मैं,
ले लो ना मेरी अब खबर,
Bhajan Diary Lyrics,
बनो सांवरे मेरा,
तुम हमसफर,
हारें हुए है दर आए है,
करो अब मेहर की नज़र।।



हारे हुए है दर आए है,

करो अब मेहर की नज़र,
बनो सांवरे मेरा,
तुम हमसफर,
हारें हुए है दर आए है,
करो अब मेहर की नज़र।।

Singer – Kanhaiya Ji Mittal


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