ध्यायो जी मैंने अजमल सुत ने ध्यायो,
बाबे म्हाने दर्श दिखायो,
ध्यायो मैने अजमल सुत ने ध्यायो।।
मात मेणादे पिता अजमल जी,
खुद विष्णु प्रगटायो,
धर अवतार आया धरणी पर,
गढ़ पौकरणा जायो,
ध्यायो मैने अजमल सुत ने ध्यायो।।
भादवा दूज हरियाली चंवदिश,
घन घटा नभ छायो,
पोढ़या पालणीय खुद बाबो रामदे,
कूं कू पांव धरायो,
ध्यायो मैने अजमल सुत ने ध्यायो।।
जब जब भीड़ पड़ी भक्तां में,
हेलस्यूं हाजिर आयो,
दुष्ट मार साधू सन्त उबारया,
ॠषि मुनि जस गायो,
ध्यायो मैने अजमल सुत ने ध्यायो।।
अधम उद्धारण तारण कारण,
जाति भेद मिटायो,
हिन्दू मुस्लिम जैन अति धर्मा,
सब जग मन कूं भायो,
ध्यायो मैने अजमल सुत ने ध्यायो।।
बलवन्त राम लायक समझ के,
चरणा शीश नवायो,
तत्व बौध के ज्ञाता तुम हो,
भाटी हरजी ने ज्ञान करायो,
ध्यायो मैने अजमल सुत ने ध्यायो।।
ध्यायो जी मैंने अजमल सुत ने ध्यायो,
बाबे म्हाने दर्श दिखायो,
ध्यायो मैने अजमल सुत ने ध्यायो।।
गायक – समुन्द्र चेलासरी।
मो. – 8107115329
लेखक – बलवन्त राम लौट चेलासरी।








