छूमंतर कैसे होगीया हो,
काया नगर का राजा,
काया नगर राजा अरे हो,
काया नगर का राजा।।
अरे दो दीन पेली बैठ हथाया,
सबके ऊपर गाजा,
अरे बाणु तो वे बैठ गोकड़े,
सबके ऊपर गाजा,
अरे सुनी करगीया भरी हथाया,
नजर न आवे राजा,
छूमंत्र कैसे होगीया हो,
काया नगर का राजा।।
अरे ना कोई हाको भार हुयो हे,
बात बाणुकी ताजा,
अरे ना कोई हाको भार हुयो हे,
बात बाणुकी ताजा,
अलोक होगीया गया कठिने,
सबके बीच बिराजा,
छूमंत्र कैसे होगीया हो,
काया नगर का राजा।।
अरे ना तलवारा तोपा छुटी,
ना कोई हुई गुज आवाजा,
अरे ना तलवारा तोबा छुटी,
ना कोई हुई गीत आवाजा,
अरे धाक धमेड़ा ना कोई सुणया,
नाई बाजा कोई बाजा,
छूमंत्र कैसे होगीया हो,
काया नगर का राजा।।
नाकोई वाकाऊ लड़ीया बालीया,
नाही हुया नाराजा,
नाकोई वाकाऊ लड़ीया बालीया,
नाही हुया नाराजा,
अरे कुओ हाथमे रेगीयो संता,
पार ऊतरगी जाजा,
छूमंत्र कैसे होगीया हो,
काया नगर का राजा।।
अरे हाथा मे हथ नाला पड़गी,
काम काज सब काजा,
अरे हाथा मे हथ नाला पड़गी,
काम काज सब काजा,
अरे काया नगरी ऊजड़ हेगी,
रोवत रेगी प्रजा,
छूमंत्र कैसे होगीया हो,
काया नगर का राजा।।
अरे नाखाई लाया नाखाई लेगीया,
फुल वासना लेगीया,
अरे नाखाई लाया नाखाई लेगीया,
फुल वासना लेगीया,
अरे खे भेरव वे भवरा ऊडगीया,
बन्ध पड़ीया दरवाजा,
छूमंत्र कैसे होगीया हो,
काया नगर का राजा।।
छूमंतर कैसे होगीया हो,
काया नगर का राजा,
काया नगर राजा अरे हो,
काया नगर का राजा।।
गायक – बद्रीलाल जी गाडरी।
लेखक – मगनीराम गाडरी।
महुआ खुर्द भीलवाड़ा राजस्थान।
मो. – 9680818193








