चिंता ने पटखनी दे दे,
सुख री खिडकिया खोल दे,
ऐ अटकीयो भटकीयो आयो सांवरा,
मासू मुंडे बोल रे,
पगल्या दाबु करु चाकरी,
पूरी करूंगा कोल रे।।
चार खुट में धुम मची रे,
हल्लो मचग्यो भारी,
टुकड़ों मांगे पुरो पावे,
भरी तिजोरिया सारी,
म्हारी कोठीया रीती रीती,
म्हापे-गणी रे खोटी बीती,
ऐ कई होसी रे म्हारो सांवरा,
साँची साँची बोल दे,
चिंता ने पाटखनी दे दे,
सुख री खिडकिया खोल दे।।
गणा पड्या रे फोडा अबका,
सिज कालजो बलग्यो,
कियो-धरो दूजा को खोटों,
मारे माथे पडग्यो,
म्हाने गणो करयो बदनाम,
वारो करदो काम तमाम,
ऐ बंद करे दुनीया दरवाजा,
तु तो रस्तो खोल दे,
चिंता ने पाटखनी दे दे,
सुख री खिडकिया खोल दे।।
मारे गोदडी-फटी पुराणी,
धरती पर बिछावणा,
रूखा-सुखा रोज-जिमणा,
पाणी पी सो जावणा,
थाके जीमण छप्पन भोग,
सेजा शेषनाग री गोद,
ऐ म्हाने तो बस थाको आसरो,
हिरदा रा पट खोल रे,
चिंता ने पाटखनी दे दे,
सुख री खिडकिया खोल दे।।
तीन ठोड़ पुजावो ठाकुर,
बंशी बाजे गेहरी,
मंडफिया में भगता की भीड़,
लागे रुपया ढेरी,
दर्शन दिजो रे गिरधारी,
थाकी माया अपरमपारी,
ऐ जुगा-जुगा सुरेश आपरो,
मतकर टालम टोल रे,
ए रेखा थारे शरणा गावे,
मुंदी पलका खोल रे,
चिंता ने पाटखनी दे दे,
सुख री खिडकिया खोल दे।।
चिंता ने पटखनी दे दे,
सुख री खिडकिया खोल दे,
ऐ अटकीयो भटकीयो आयो सांवरा,
मासू मुंडे बोल रे,
पगल्या दाबु करु चाकरी,
पूरी करूंगा कोल रे।।
गायिका – रेखा शर्मा।
9829593452








