चंदो जैसो मुखड़ा थारो परदे माही राखिजौ भजन लिरिक्स

चंदो जैसो मुखड़ा थारो परदे माही राखिजौ भजन लिरिक्स

चंदो जैसो मुखड़ा थारो,
परदे माही राखिजौ,
नजर थारे लग जावेली कीर्तन में,
भगतां कांनी देख के थोड़ो,
होले होले मुलकिजो,
गैल कोई पड़ जावेलो कीर्तन में।।



मोटी मोटी आंख्या माहीं,

काजलियो मत घालो,
तिरछो तिरछो देख के म्हारी,
काया मत ना बालो,
ओ थारां तीखा तीखा नैण,
उड़ ग्यो म्हारे मन को चैन,
थे मत ना नैण मटकाओजी कीर्तन में।।



पचरंगी पैंचा में बाबा,

बनड़ो सो तु लागै,
सजधज करके बैठ्यो बाबा,
भगतां क तु सागै,
थारो बागों घेर-घुमेर,
बिजली म्हापे मत ना गैर,
बाबा भगत थारा मर जावेला कीर्तन में।।



देखके लाली गाला की थांरी,

सुरज भी शरमावे,
चंदो भी लाजा मरतो,
बड़ बादलिया मं जावे,
थारें इत्तर की भरमार,
महके सारो यो दरबार,
‘केशव’ आज गजब हो जावेलो कीर्तन में।।



चंदो जैसो मुखड़ा थारो,

परदे माही राखिजौ,
नजर थारे लग जावेली कीर्तन में,
भगतां कांनी देख के थोड़ो,
होले होले मुलकिजो,
गैल कोई पड़ जावेलो कीर्तन में।।

गायक – आयुष पियूष।
लेखक / प्रेषक – मनीष शर्मा “केशव”
9854429898


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