कलयुग बैठा मार कुंडली जाऊँ तो मैं कहाँ जाऊँ भजन लिरिक्स
कलयुग बैठा मार कुंडली, जाऊँ तो मैं कहाँ जाऊँ, अब हर घर में रावण बैठा, इतने राम कहाँ से लाऊँ।।...
Read moreDetailsकलयुग बैठा मार कुंडली, जाऊँ तो मैं कहाँ जाऊँ, अब हर घर में रावण बैठा, इतने राम कहाँ से लाऊँ।।...
Read moreDetailsभटकता डोले काहे प्राणी, भटकता डोले काहे प्राणी, चला आ प्रभु की तू शरण मे, संवर जाएगी ये जिंदगानी, भटकता...
Read moreDetailsएक दिन बोले प्रभु हनुमत से, मैं मन की प्यास बुझाउँगा, " लंका विजय के बाद, एक दिन श्री राम...
Read moreDetailsमेरी नैया में लक्ष्मण राम, ओ गंगा मैयाँ धीरे बहो, गंगा मैयाँ हो गंगा मैयाँ, मेरी नैया मे चारों धाम,...
Read moreDetailsसंतन के संग लाग रे तेरी अच्छी बनेगी, अच्छी बनेगी तेरी बिगड़ी बनेगी, अच्छी बनेगी तेरी तेरी किस्मत जगेगी, जाग...
Read moreDetailsपर घर प्रीत मत कीजे, छैल चतुर रंग रसिया रे भवरा, पर घर प्रीत मत कीजे, पर घर प्रीत मत...
Read moreDetailsमैया ओ गंगा मैया, ओ गंगा मैया में, गंगा मैया में जब तक ये पानी रहे, मेरे सजना तेरी जिंदगानी रहे,...
Read moreDetailsमानो तो मैं गंगा माँ हूँ, ना मानो तो बहता पानी, जो स्वर्ग ने दी धरती को, मैं हूँ प्यार...
Read moreDetailsमेरी नैया पड़ी है मजधार, प्रभु इसे पार लगा देना, तेरी माला जपूँगा दिन रात, प्रभु इसे पार लगा देना।।...
Read moreDetailsएक डोली चली एक अर्थी चली, फर्क दोनों में क्या है बता दे सखी।। तर्ज - एक तू जो मिला।...
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