गाज्यो गाज्यो जेठ आषाढ़ कंवर तेजा रे भजन लिरिक्स
गाज्यो गाज्यो जेठ आषाढ़, कंवर तेजा रे, लगतोड़ा लाग्या रे, सावण भादवा, लगतोड़ा लाग्या रे, सावण भादवा।। अतरो काईं सुतो...
Read moreDetailsगाज्यो गाज्यो जेठ आषाढ़, कंवर तेजा रे, लगतोड़ा लाग्या रे, सावण भादवा, लगतोड़ा लाग्या रे, सावण भादवा।। अतरो काईं सुतो...
Read moreDetailsकैसो खेल रच्यो मेरे दाता, जित देखू उत तू ही तू, कैसी भूल जगत मै डारी, साबित करणी कर रहयो...
Read moreDetailsमरुधर में ज्योत जगाय गयो, बाबो धोली ध्वजा फहराय गयो, म्हारो साँवरियो बनवारी, बण्यो पचरंग पेचाधारी, भक्ता रे कारण, अजमल...
Read moreDetailsमानो तो मैं रामायण हूँ, ना मानो तो एक कहानी, तुलसी की तपस्या हूँ मैं, हूँ वाल्मीकि की वाणी, मानो तो...
Read moreDetailsजिसके हृदय में हरी सुमिरण होगा, उसका सफल क्यों ना जीवन होगा, भक्त को भगवान का चिंतन होगा, उसका सफल...
Read moreDetailsबिन भजन के जगत में तू प्राणी, मोक्ष पाने के काबिल नहीं है, क्या यही मुख तू लेकर के जाए,...
Read moreDetailsजब भक्त नहीं होंगे, भगवान कहाँ होगा, हर एक समस्या का, समाधान कहाँ होगा।। पंडित भी हुए लाखो, विद्वान हुए...
Read moreDetailsकाम आएगा प्रभु का भजन, जिसने दिया है तुझे, प्यारा मानव जनम, करले उसका भजन, करले उसका भजन।। तर्ज -...
Read moreDetailsपा के सुंदर बदन, कर प्रभु का भजन, जिंदगानी का कोई भरोसा नहीं, जो भी आया यहां उसको जाना पड़े,...
Read moreDetailsवन वन डोले लक्ष्मण बोले, मेरे भ्राता करो विचार रे, अब कौन चुराई मात सिया।। तर्ज - मन डोले मेरा...
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