माटी को खिलौनों है मन में जचाए ले भजन लिरिक्स
माटी को खिलौनों है, मन में जचाए ले, कद उड़ जा सी हंसो, हरी गुण गाइले।। तर्ज - छुप गया...
Read moreDetailsमाटी को खिलौनों है, मन में जचाए ले, कद उड़ जा सी हंसो, हरी गुण गाइले।। तर्ज - छुप गया...
Read moreDetailsहरि नाम की महिमा, गाती है सारी दुनिया, बोल मनवा बोल तू हरि को, ध्याता क्यो नही।। तर्ज - तेरे...
Read moreDetailsभजले रे बन्दे नाम हरि का, क्यो करता है नादानी, सुनले रे ओ अभिमानी।। तर्ज - बस्ती बस्ती पर्वत पर्वत।...
Read moreDetailsहंसा निकल गया काया से, खाली पड़ी रही तस्वीर। दोहा - लुट सके तो लुट ले और, राम नाम धन...
Read moreDetailsभजले मनवा तू हरि, भले आधी ही घड़ी, कि हो न जाए कही, जिन्दगी की शाम, भजो हरि नाम, हरि...
Read moreDetailsतू मत कर रे अभिमान, ये जीवन चार दिन का है, तू कौन है रे इँसान, करले रे खुद की...
Read moreDetailsअरे मूरख ये धन दौलत, किसी के काम न आए, लगा हरि चरणो में मन को, सफल जीवन ये हो...
Read moreDetailsक्यों अपनो पे तू इतराए, जाएगा कोई सँग ना, अब मान भी लो मनवा, मान भी लो, मान भी लो...
Read moreDetailsश्रद्धा के सुमन, करने अर्पण, मै दर पे तुम्हारे आया हूँ, है हाथ तूम्हारे अब दाता, है हाथ तुम्हारे अब...
Read moreDetailsमुलताई में रहने वाली, मुलताई से बहने वाली, तू है ताप्ती माई, लाखों की बिगड़ी बनाई, तूने लाखों की बिगड़ी...
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