रचा है श्रष्टि को जिस प्रभु ने वही ये श्रष्टि चला रहे है लिरिक्स
रचा है श्रष्टि को जिस प्रभु ने, वही ये श्रष्टि चला रहे है, जो पेड़ हमने लगाया पहले, उसी का...
Read moreDetailsरचा है श्रष्टि को जिस प्रभु ने, वही ये श्रष्टि चला रहे है, जो पेड़ हमने लगाया पहले, उसी का...
Read moreDetailsजो कर्म कर रहे हो, वहां सब हिसाब है, जैसा करोगे पाओगे, सीधा जबाब है।। जब आ गए संसार में,...
Read moreDetailsगाँव रुणिचे वाला बाबा, दर्शन म्हाने दे दीजो, निज चरणा में रामदेवजी, चाकर म्हाने रख लिजो।। तर्ज - भला किसी...
Read moreDetailsपंडरपुर में जाने वाले, एक संदेशा मेरा लेता जा, इक नामा तेरी याद मे रोये, उसको दर्शन दे देना।। तर्ज...
Read moreDetailsमैं घर बना रहा हूँ, किसी और के लिए। दोहा - पैर की आहत पाज़ेबों की, झनकारे सुन लेती है,...
Read moreDetailsआएँगे एक दिन लेने को, यम के उड़न खटोले, बैरी बंजारा यूँ बोले, बैरी बंजारा यूँ बोले।। तर्ज - मिलने...
Read moreDetailsमाना इस संसार में भक्तो, बेटी सदा पराई है, मात पिता पर संकट आया, बेटी पहले आई है, मात पिता...
Read moreDetailsहे प्रभु आनंद दाता, ज्ञान हमको दीजिये, शीघ्र सारे दुर्गुणों को, दूर हमसे कीजिए।। लीजिये हमको शरण में, हम सदाचारी...
Read moreDetailsमुझे कोख में ना मारो, मेरे पापा पाप होगा, मेरे पापा मेरे पापा, मेरे पापा मेरे पापा।। तर्ज - तू...
Read moreDetailsयहाँ दुख में ब्रम्ह भी रोते हैं, हे रघुराई तुमसे विनती करूँ मैं, दुःख में पड़ा हूँ दुःख से उबारो,...
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