गुरू रे गोविन्द दिजो रे बताय गुरूजी तुम्हारा पय्याँ लागू हो
गुरू रे गोविन्द दिजो रे बताय, गुरू रे गोवींद दिजो रे बताय, गुरूजी तुम्हारा पय्याँ लागू हो, गुरूजी तुम्हारा पय्याँ...
Read moreDetailsगुरू रे गोविन्द दिजो रे बताय, गुरू रे गोवींद दिजो रे बताय, गुरूजी तुम्हारा पय्याँ लागू हो, गुरूजी तुम्हारा पय्याँ...
Read moreDetailsमंदिर में आऊंगा, दर्शन मैं पाऊंगा, शीश झुकाके मैं, तुमको मनाऊंगा, मैं हूँ पूजारी प्रभु आपका, ओ मेरे बाबा शनि...
Read moreDetailsनौ दुर्गा की नौ रात सुहानी, घर घर मे पुजे तोखे अम्बे भवानी।। सुबह शाम मैय्या थारी आरती उतारा, आरती...
Read moreDetailsखेती खेड़ो रे हरिनाम की, जामे मुकतो है लाभ।। पाप का पालवा कटावजो, काठी बाहर राल, कर्म की फाँस एचावजो,...
Read moreDetailsपी ले राम रस घुटी, म्हारा मनवा, पी लें राम रस घुटी, थारा जीवन की रेलगाड़ी छुटी, मनवा पी लें...
Read moreDetailsमन तू अमोल बाणी बोल, थारो तिन लोक में मोल।। ओहम सोहम दो पलवा बणायाँ, आरे भाई निरगुण उत्तर से...
Read moreDetailsतुम रखवाला हूजो गुरूजी म्हारा, म्हारा हिरदा ज्ञान दीजो गुरूजी म्हारा, आड़ी वाट जाऊ मक जाण मती दीजो, भूल्या के...
Read moreDetailsदूल्हा बण्या रे निर्वाण, सिंगाजी बाबा, दुल्लव बणिया रे निर्वाण, निर्गुण के घर भही रे सगाई, ब्याही सतवंती नार, सिंगाजी...
Read moreDetailsनिर्गुण धाम सिंगाजी, जहाँ अखण्ड पूजा लागी।। जहाँ अखण्ड जोति भरपूर, जहाँ झिलमिल बरसे नूर, जहाँ ब्रह्म ज्ञान मामूर, जहाँ...
Read moreDetailsचलो संत पावा हो दीदार, सिंगाजी घर हरि को बधावा हो।। बाबा मनुष जनम दुर्लभ है रे, असो आवे नई...
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