जितने प्रेमी तेरे मैं सबको शीश झुकाऊँ लिरिक्स
जितने प्रेमी तेरे, मैं सबको शीश झुकाऊँ, किसी के अवगुण कभी न देखूँ, गुण झोली में पाऊँ, जितने प्रेमी तेरें,...
Read moreDetailsजितने प्रेमी तेरे, मैं सबको शीश झुकाऊँ, किसी के अवगुण कभी न देखूँ, गुण झोली में पाऊँ, जितने प्रेमी तेरें,...
Read moreDetailsमोहे तो प्रभु मिलन की आस, बार-बार तोहे अरज़ लगाऊं, कब दर्शन दोगे नाथ, मोहें तो प्रभु मिलन की आस।।...
Read moreDetailsदुष्ट पापिनी केकैयी माता, तूने क्या कर डाला, हंसती खिलती अवधपुरी में, अंधकार कर डाला, ओ राम मेरे राम, मेरे...
Read moreDetailsशबरी बेचारी है, प्रेम की मारी है, स्वागत में रघुवर के, सुध बुध बिसारी है, लक्ष्मण राजा राम, मेरे घर...
Read moreDetailsचरण कमल बंदों हरि राई, जाकी कृपा पंगु गिरी लंगे, अंधे को सब कछु दरसार्ई, चरण कमल बंदों हरि राई।।...
Read moreDetailsदया कर दान विद्या का, श्लोक - ॐ असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मा अमृतम्गमय। दया कर दान विद्या...
Read moreDetailsछोड़ कर संसार जब तू जाएगा, कोई ना साथी तेरा साथ निभाएगा।। इस पेट भरण की खातिर, तू पाप कमाता...
Read moreDetailsनज़र सुधारे नज़र बिगाड़े, नज़र की बात बताता हूँ, नज़र नज़र में फर्क है कितना, जो समझा बतलाता हूँ।। तर्ज...
Read moreDetailsमैंने जिंदगी गुजारी, प्रभु दान करते करते, अब मांग मांगता हूँ, भगवान मरते मरते।। (प्रसंग - दानवीर कर्ण व श्री...
Read moreDetailsमेरे बाबा शनिदेव, मेरे बाबा शनिदेव, मंदिर मैं आऊंगा, दर्शन मैं पाऊंगा, शीश झुकाके में, तुमको मनाऊंगा, मैं हूँ पुजारी...
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