अमरकंठ से मैया बनके धारा चली
अमरकंठ से मैया, बनके धारा चली, भोलेनाथ की लली, जगत को तारने चली।bd। अमरकंट से चली भवानी, धोलागढ़ में आई,...
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Read moreDetailsमत बहे मोह की धारा रे हंसा, मत बहें मोह की धारा, झूठो है संसारा रे हंसा, मत बहें मोह...
Read moreDetailsनाम प्रभु का जप ले बन्दे, कलयुग नाम अधारा, प्यारे नाम ही तारनहारा, प्यारे नाम ही तारनहारा।। तर्ज - मेरे...
Read moreDetailsहाथ जोड़ कर आप सभी से, करते है फरियाद, बिल्कुल भी झूठा ना छोड़ना, ये है महाप्रसाद, लो उतना ही...
Read moreDetailsबिना जानकी के राम, अयोध्या ना आए। दोहा - समझ निशा में जान निशाचर, भरत जी ने छोड़ा तीर, राम...
Read moreDetailsखोजते खोजते एक सहारा, तेरे बंदों का पाकर इशारा, आके दर पे खड़ा हो गया हूं, की मिलेगा यहां पर...
Read moreDetailsबड़े भाग्य से ये मनुज तन मिला है, गंवाते गंवाते उम्र पार कर दी, खाने कमाने में आयु गँवा दी,...
Read moreDetailsहर हाल में खुश रहना, संतो से सिख जाए, महफ़िल में जुदा रहना, संतों से सीख जाए।। सुख दुख में...
Read moreDetailsजो है वो भुलाने के, काबिल नहीं है, नहीं है वो पाने के, काबिल नहीं है।। जो है वो अभी...
Read moreDetailsजीवन की गाड़ी, चली जा रही है, उतरने की मंजिल, करीब आ रही है।। नर तन की ट्रेन में, आयु...
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