छोड़कर सारे पागलपन राम गुण गा ले मेरे मन
छोड़कर सारे पागलपन, राम गुण गा ले मेरे मन।। रामकथा शिव पुनि पुनि गायी, जगजननी के मन अति भायी, ब्रह्मा...
Read moreDetailsछोड़कर सारे पागलपन, राम गुण गा ले मेरे मन।। रामकथा शिव पुनि पुनि गायी, जगजननी के मन अति भायी, ब्रह्मा...
Read moreDetailsराम गुण गायो नहीं आय करके, यम से कहोगे क्या जाय करके।। गर्भ में देखी नरक निशानी, तब तू कौल...
Read moreDetailsहे राम अवध के राजा, तुझे कौन सी दुविधा घेरे, जन जन के भाग्य विधाता, क्या लिखा भाग्य में तेरे।।...
Read moreDetailsऐसा सुंदर स्वभाव कहाँ पाया, राघव जी तुम्हें, ऐसा किसने बनाया।। पर नारी पर दृष्टि ना डाली, ऐसी तुम्हरी प्रकृति...
Read moreDetailsहे जननी मैं न जीऊं बिन राम, दोहा - राम ही तन में राम ही मन में, रोम रोम में...
Read moreDetailsअवधपुरी में दीप जले है, सिया संग मेरे राम चले है, आए राम राम राम, मेरे राम राम राम, सकल...
Read moreDetailsजली है ज्योत जगमग, अवध नगर में, अवध नगर में हाँ, अवध नगर में, जली है जोत जग मग, अवध...
Read moreDetailsआई गए रघुनंदन, सजवा दो द्वार द्वार, स्वर्ण कलश रखवा दो, बंधवा दो बंधनवार।। तर्ज - सावन का महीना। सजी...
Read moreDetailsराम जी के शरण में, चले आइये, वो बनाएंगे बिगड़ी, ना घबराइये, रामजी के शरण मे, चले आइये।। जो भी...
Read moreDetailsआप मेरी आँख के हो तारे, हो राम प्राण से भी प्यारे।। देखे - भजन बिना चैन ना आये राम।...
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