सत्संग अमर जड़ी राजस्थानी भजन लिरिक्स
सत्संग अमर जड़ी, जो कोई लाभ लियो सत्संग को, वाने खबर पढ़ी, जग में सत्संग अमर जड़ी।। नरसी सत्संग करी...
Read moreDetailsसत्संग अमर जड़ी, जो कोई लाभ लियो सत्संग को, वाने खबर पढ़ी, जग में सत्संग अमर जड़ी।। नरसी सत्संग करी...
Read moreDetailsए मन री है तन री, लगन री रे, ए भाया मन री है तन री, है लगन री रे,...
Read moreDetailsगेरी गेरी बिरखा भाया, थे पाछा कैया जावो, माने साची साची बात बताओ जियो, साची साची बात बताओ जियो, खम्मा...
Read moreDetailsअरे मारा सासुजी, खेतलाजी रा परचा घणा भारी, मारा सासुजी भेरूजी रा, परचा घणा भारी, मारा सासुजी, जाणो जाणो भेरूजी...
Read moreDetailsधम धम सीता महले चढे, दोहा - सतीया सत मत छोडजो, और सत छोड्या पथ जाय, सत री बांधी लक्ष्मी,...
Read moreDetailsए पधारो मारा पूरबजी, आज का भजनो मे, वेगा आविजो, आवो मारा पूरबजी, आज री जागन मे, वेगा आविजो, अरे...
Read moreDetailsधीन घडी धीन भाग मारे, सतगुरु आविया रे, ओ मारे धीन घडी, धीन भाग।। अरे ऊंची पाल शब्द की, नीचो...
Read moreDetailsअरे मै तो जोवु रे, सावरिया थारी बाट। दोहा- सांवरा ने ढूँढन मै गई, ओर कर जोगन रो वेश, ढूँढत...
Read moreDetailsमारवाड़ रो बाणीयो, जायरे समंद री तीर रे, मिलीया धनी रामदेव, लुल लुल लागे पाव रे, अरे मारवाड़ रो बाणीयों,...
Read moreDetailsअरे क्यु नैणा भरमावे, थारे हाथ कबीरो नही आवे।। अमर लोक से आई अपसरा, गल मोतीयन की माला ओ, नाच...
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