द्वारिका से आये विष्णु रुणिचा नगरी जी भजन लिरिक्स
द्वारिका से आये विष्णु, रुणिचा नगरी जी। तर्ज - मेरा भोला है भंडारी करता। जय बाबा री, ओ बोलो जय...
Read moreDetailsद्वारिका से आये विष्णु, रुणिचा नगरी जी। तर्ज - मेरा भोला है भंडारी करता। जय बाबा री, ओ बोलो जय...
Read moreDetailsथाने सिमरा मैं बारमबार, जगदम्बा म्हारी अरज सुनो, ओ अरज सुनो ए मैया विनती सुनो, ओ थाने विनती करूं बारंबार,...
Read moreDetailsधोक लगाऊं मैं तो दोन्यू जणा, म्हारा भैरू जी प्यारा घणा, चम्पा गुरू जी प्यारा घणा।। सूरज सामो थारो रे...
Read moreDetailsअलगी घणी परनाई ओ बीरा रे, दोहा - बीरा मारा रामदेव, रानी मेतल रा भरतार, एकर लेवन आवजो, थारी बहन...
Read moreDetailsकठे गयो नखराली, थारो घर वालो।। प्रीत गनी प्यारो गणों लागे, तू सूती वो हरदम जागे, बागा को सैलानी भंवरो,...
Read moreDetailsभेरूजी धीरे धीरे खेलो, घुंघरू टूट जावेला।। साजा ऊपर चढ़ता भेरू, कीनी है ललकार, ओ भेरूजी धीरे धीरे बोलो, साजो...
Read moreDetailsभेरु थारे शिशोदा में बाजे ढोल, रमतो रमतो आवजे, भेरू मंदरिया का पटना खोल, दर्शन ने आवे जातरी, अरे भेरू...
Read moreDetailsमाने सतगुरु मिलवा रो लागो कोड, उम्मेदी गेरी लाग रही, मने सतगुरु मिलवा रो लागो कोड, उम्मेदी गेरी लाग रही।। मोहे ये...
Read moreDetailsथाने निवन करूँ मैं बारम्बार, आई माता मारी अरज सुनो, ओ थाने निवन करू मे बारम्बार, आई माता मारी अरज...
Read moreDetailsम्हारा जुना जोशी, राम मिलन कद होसी। दोहा - चार वेद छ: शास्त्रो में, बात मिली है दोय, दुःख दीन्या...
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